tag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post1216362335187415504..comments2023-10-06T08:40:38.795-07:00Comments on सृजन-यात्रा: कवितासुभाष नीरवhttp://www.blogger.com/profile/06327767362864234960noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-49174917529596497482011-10-18T10:10:45.910-07:002011-10-18T10:10:45.910-07:00दिल को छूती एक बहुत ही मार्मिक रचना..
सादर
मंजुदिल को छूती एक बहुत ही मार्मिक रचना..<br /><br />सादर<br /><br />मंजुAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-24360827798439555192011-09-20T05:40:53.876-07:002011-09-20T05:40:53.876-07:00Bahut sunder likha hain.Bahut sunder likha hain.Meena C hoprahttps://www.blogger.com/profile/05994174304843611997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-66270117882302240712010-12-24T21:21:45.690-08:002010-12-24T21:21:45.690-08:00... saarthak va saargarbhit rachanaa !!!... saarthak va saargarbhit rachanaa !!!नया सवेराhttps://www.blogger.com/profile/14420198613329878532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-88407969093053866632010-12-23T13:36:03.802-08:002010-12-23T13:36:03.802-08:00बहुत ही दर्द भरा है आपके शब्दों में...
मन को छू गय...बहुत ही दर्द भरा है आपके शब्दों में...<br />मन को छू गया हर शब्द !<br />प्रतिभावान लेखकों को समय पर महत्व न दिए जाने की विडम्बना का बड़ा ही सच्चा चित्रण किया है इस कविता में । यह एक मात्र कविता ही नहीं एक दर्द भरे दिल की अवाज़ है जिस को आपकी कलम हमारे सामने लेकर आई है !Shabad shabad https://www.blogger.com/profile/09078423307831456810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-79832834939977430162010-12-21T07:57:31.294-08:002010-12-21T07:57:31.294-08:00बहुत ही दर्द व्यक्त करती.कविता .....बहुत ही दर्द व्यक्त करती.कविता .....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-7101554440202248472010-12-20T16:11:41.745-08:002010-12-20T16:11:41.745-08:00Very nice! Very true ! Very touching poetry.Very nice! Very true ! Very touching poetry.surjithttps://www.blogger.com/profile/08665583467852567928noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-4727033844626542612010-12-17T12:19:47.561-08:002010-12-17T12:19:47.561-08:00कलमकार का दर्द व्यक्त करती...
जीवन के उलझनों से गु...कलमकार का दर्द व्यक्त करती...<br />जीवन के उलझनों से गुजरती गहन रचना!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-3249379579611786442010-12-16T23:33:00.942-08:002010-12-16T23:33:00.942-08:00बहुत बार रोटी-बेटी के लिए पिसते एक प्रतिभाशाली लेख...बहुत बार रोटी-बेटी के लिए पिसते एक प्रतिभाशाली लेखक की व्यथा का , हमारे समाज में भ्रष्टाचार के चलते सच्चे प्रतिभावान लेखकों को महत्व न दिए जाने की विडम्बना का बड़ा सशक्त चित्रण किया है आपने...।<br />इसके लिए मेरी बधाई स्वीकारें...।प्रेम गुप्ता `मानी' https://www.blogger.com/profile/03031758649360861323noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-61024414979812276362010-12-14T21:09:32.878-08:002010-12-14T21:09:32.878-08:00भारतीय लेखक का दर्द बहुत संतुलित शब्दों मे ब्यां क...भारतीय लेखक का दर्द बहुत संतुलित शब्दों मे ब्यां किया है। सुन्दर रचना के लिये बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-57614564012068367272010-12-14T17:47:28.258-08:002010-12-14T17:47:28.258-08:00समर्पित साहित्यकार की व्यथा को बहुत बेहतर ढंग से उ...समर्पित साहित्यकार की व्यथा को बहुत बेहतर ढंग से उकेरा गया है । पुरस्कारों की यही सरकारी विडम्बना है कि जब तक साहित्यकार यमद्वार की ओर पग बढ़ाने लायक नहीं होता , तब तक संस्थाएँ नहीं चेत पातीं।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-86205918556975268282010-12-14T09:29:11.084-08:002010-12-14T09:29:11.084-08:00नीरव जी की कविता पुरुस्कारों पर बहस को निमंत्रण नह...नीरव जी की कविता पुरुस्कारों पर बहस को निमंत्रण नहीं देती है ,देती है एक सवाल कि चिंता के गाढे समुद्र में खुशियों लदी पुरूस्कार की नाव कैसे पलट जाती है .नीरव जी को बधाई .बलराम अग्रवाल की टिप्पड़ी एक मार्मिक व्यंग्य है जो कविता की संवेदना को गहरा जाता है .सुरेश यादवhttps://www.blogger.com/profile/16080483473983405812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-44801259028760909572010-12-14T04:51:56.330-08:002010-12-14T04:51:56.330-08:00सोचने के लिए विवश करता सच....यह सच केवल एक ही साहि...सोचने के लिए विवश करता सच....यह सच केवल एक ही साहित्यकार का नहीं, जिसे व्यवस्था और संस्थाओं ने भुला दिया बल्कि अनेकों का है. बलराम की बात सच नहीं, क्योंकि उन दिनों भी ऎसा ही होता था और आज भी,हां तब इतने जुगाड़ू नहीं थे--- आज लिखने से पहले रचनाकार जुगाड़ भिड़ाना शुरू कर देते है. आगे आगे देखिए होता है क्या---- एक पूरी पीढ़ी पूरे जोशो-खरोश के साथ इसी काम में जुटी हुई है.<br /><br />खुदा खैर करे तुम्हारे पात्र जैसे रचनाकारों की.<br /><br />चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-19518642268128031452010-12-14T00:19:57.713-08:002010-12-14T00:19:57.713-08:00क्या कहू कविता के बारे में , अभिव्यक्ति ,साहित्यक...क्या कहू कविता के बारे में , अभिव्यक्ति ,साहित्यकार का दर्द बया कर रही है या मनो स्थिति ,<br />SADHUWADसुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-84342370673158733032010-12-13T04:43:08.684-08:002010-12-13T04:43:08.684-08:00यह एक भारतीय लेखक का सच्चा दर्द है...।
एक अनछुए से...यह एक भारतीय लेखक का सच्चा दर्द है...।<br />एक अनछुए से पहलू को बड़ी खूबसूरती से शब्दों में ढाला है...मेरी बधाई...प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-68255586878167083992010-12-13T03:44:44.455-08:002010-12-13T03:44:44.455-08:00अच्छी कविता, तीखा कटाक्ष। बहुत-बहुत बधाई नीरव जी।अच्छी कविता, तीखा कटाक्ष। बहुत-बहुत बधाई नीरव जी।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-52151699597508905962010-12-12T22:58:56.239-08:002010-12-12T22:58:56.239-08:00बहुत बढ़िया रचना है। कुछ ऐसा है जो कवि के मन पर प्र...बहुत बढ़िया रचना है। कुछ ऐसा है जो कवि के मन पर प्रहार कर रहा है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-29817933993731823252010-12-12T12:50:56.078-08:002010-12-12T12:50:56.078-08:00सत्तर-अस्सी के दशक में लिखी कविता प्रतीत होती है। ...सत्तर-अस्सी के दशक में लिखी कविता प्रतीत होती है। इन दिनों तो लखटकिया पुरस्कार इतने साधनहीन कवि को शायद ही घोषित हो।बलराम अग्रवालnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-45705530350454901322010-12-12T08:44:25.669-08:002010-12-12T08:44:25.669-08:00ACHCHHEE KAVITA KE LIYE AAPKO
BADHAAEE .SOCHNE PA...ACHCHHEE KAVITA KE LIYE AAPKO <br />BADHAAEE .SOCHNE PAR VIVASH <br />KARTEE HAI . SEEDHE - SAADE <br />SHABDON MEIN KAVITA BAHUT KUCHH<br />KAH GAYEE HAI . BADHAAEE .PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-36800136487325247712010-12-12T08:09:18.992-08:002010-12-12T08:09:18.992-08:00सुभाष भाई बात कुछ बनी नहीं।सुभाष भाई बात कुछ बनी नहीं।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3083653920912210863.post-71566955556828663722010-12-12T07:40:57.132-08:002010-12-12T07:40:57.132-08:00बहुत गंभीर कविता.. सुन्दर..बहुत गंभीर कविता.. सुन्दर..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.com