परिन्दे
सुभाष नीरव
परिन्दे
मनुष्य नहीं होते।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhLKS6q1jPtPhvVwJ2xaJITRaODwRKEXVe1RQwr9GicGeEThrAhGz7i4Q3ZzzsGqw2V1vx9H47aW739Fqfi4VPlc1fixoQk912EUeV9UBnKZVMAkFNbQ7tc9f7H1WbwmyUXpJh_7GzuaZVS/s200/1599-15174.jpg)
धरती और आकाश
दोनों से रिश्ता रखते हैं परिन्दे।
उनकी उड़ान में है अनन्त व्योम
धरती का कोई टुकड़ा
वर्जित नहीं होता परिन्दों के लिए।
घर-आँगन, गाँव, बस्ती, शहर
किसी में भेद नहीं करते परिन्दे।
जाति, धर्म, नस्ल, सम्प्रदाय से
बहुत ऊपर होते हैं परिन्दे।
मंदिर में, मस्जिद में, चर्च और गुरुद्वारे में
कोई फ़र्क नहीं करते
जब चाहे बैठ जाते हैं उड़कर
उनकी ऊँची बुर्जियों पर बेखौफ!
कर्फ्यूग्रस्त शहर की
खौफजदा वीरान-सुनसान सड़कों, गलियों में
विचरने से भी नहीं घबराते परिन्दे।
प्रांत, देश की हदों-सरहदों से भी परे होते हैं
आकाश में उड़ते परिन्दे।
इन्हें पार करते हुए
नहीं चाहिए होती इन्हें कोई अनुमति
नहीं चाहिए होता कोई पासपोर्ट-वीज़ा।
शुक्र है-
परिन्दों ने नहीं सीखा रहना
मनुष्य की तरह धरती पर।
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सुभाष नीरव
परिन्दे
मनुष्य नहीं होते।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhLKS6q1jPtPhvVwJ2xaJITRaODwRKEXVe1RQwr9GicGeEThrAhGz7i4Q3ZzzsGqw2V1vx9H47aW739Fqfi4VPlc1fixoQk912EUeV9UBnKZVMAkFNbQ7tc9f7H1WbwmyUXpJh_7GzuaZVS/s200/1599-15174.jpg)
धरती और आकाश
दोनों से रिश्ता रखते हैं परिन्दे।
उनकी उड़ान में है अनन्त व्योम
धरती का कोई टुकड़ा
वर्जित नहीं होता परिन्दों के लिए।
घर-आँगन, गाँव, बस्ती, शहर
किसी में भेद नहीं करते परिन्दे।
जाति, धर्म, नस्ल, सम्प्रदाय से
बहुत ऊपर होते हैं परिन्दे।
मंदिर में, मस्जिद में, चर्च और गुरुद्वारे में
कोई फ़र्क नहीं करते
जब चाहे बैठ जाते हैं उड़कर
उनकी ऊँची बुर्जियों पर बेखौफ!
कर्फ्यूग्रस्त शहर की
खौफजदा वीरान-सुनसान सड़कों, गलियों में
विचरने से भी नहीं घबराते परिन्दे।
प्रांत, देश की हदों-सरहदों से भी परे होते हैं
आकाश में उड़ते परिन्दे।
इन्हें पार करते हुए
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhoe3gksnTvFy0M9fqIfISMJ_81FNKehmsUiDVb0mOa38OstMsbWc45NDa6iMH1xVJIl3PyaH264BW661yhsBlWXEAHsM2klT28P00MZKM-NYGKVMB08zjEHhwSWQeg7EJtXRq3H_asAkcX/s200/images.jpg)
नहीं चाहिए होता कोई पासपोर्ट-वीज़ा।
शुक्र है-
परिन्दों ने नहीं सीखा रहना
मनुष्य की तरह धरती पर।
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